छात्राओं के लिए अलग से बस चलाने की मांग, 8 मार्च को करसोग में मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
- ahtv desk
- 5 मार्च 2020
- 3 मिनट पठन
8 मार्च को करसोग में मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
निमंत्रण देने के लिए घर-घर जा रही हैं हिमाचल नारी सभा की नेत्रियां
छात्राओं के लिए अलग से बस चलाने की उठाई मांग
करसोग

करसोग में 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जोर-शोर के साथ मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए हिमाचल नारी सभा संबंध अखिल भारतीय महिला फैडरेशन की नेत्रियां घर-घर जा कर प्रचार कर रही है और महिलाओं को बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान कर रही हैं। महिला कार्यकर्ताओं ने मांग उठाई है कि करसोग क्षेत्र की कालेज के लिए ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है उनके लिए अलग से बसों का प्रबंध किया जाना चाहिए।
8 मार्च को कमेटी हाल पुराना बाजार, करसोग में प्रातः 10 बजे कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची हिमाचल नारी सभा की राज्य सचिव सुषमा ने बताया कि देश भर में महिलाओं की हालात अच्छी नहीं है। हालांकि संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिला हुआ है परंतु अभी तक बराबरी के अधिकार जमीन पर नहीं उतरे हैं, सके लिए जहां हमारी सरकारें जिम्मेवार है वहीं पर समाज विरोधी, अंधविश्वासी लोग भी जिम्मेदार हैं। आज शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन रोजगार के क्षेत्र में अभी भी वह बहुत पीछे हैं। महिला उत्पीड़िन की घटनाएं देश व राज्य में लगातार बढ़ रही है। एनआरसी, सीएए के खिलाफ होने वाले आंदोलनों पर और इसमें भाग ले रही महिलाओं के खिलाफ हो रही सांप्रदायिक हिंसा और राजकीय हिंसा की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। इन सबके खिलाफ लड़ने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन करसोग के कमेटी हाल में 8 मार्च को किया जा रहा है। मेरी करसोग वासियों से अपील है कि वह इस को सफल बनाने के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लें।
सेरी पंचायत की पूर्व प्रधान कमला वर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है जिसमें महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता। कदम-कदम पर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस तरह से समाज में महिलाओं पर उत्पीड़न बढ़ रहा है उसके खिलाफ लड़ाई लड़नी जरूरी है। मेरी मांग है कि महिलाओं को रोजगार और राजनीतिक में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए। महिलाएं अभी तक आजाद नहीं हुई हैं। हमें पूरी आजादी मिलनी चाहिए।
कार्यक्रम की आयोजक और हिमाचल नारी सभा करसोग की अध्यक्ष शांता देवी ने भी मांग उठाई है कि करसोग में लंबे समय से लंबीत पड़े विकास कार्यों को तेज किया जाना चाहिए। अगर करसोग में पोल्टेकनिक कालेज खुलता है तो इससे लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा और सुविधा मिलेगी। करसोग पंचायत में कुड़े-कचरे का कोई निपटान नहीं है जिस से महिलाओं को भारी परेशानियों का समना करना पड़ रहा है और पर्यावरण भी प्रदुषित हो रहा है। अतः तमाम मांगों पर संघर्ष को आगे बढ़ने के लिए 8 मार्च को कमेटी हाल में शिरकत करें।
ज्ञात रहे कि दुनिया भर में महिलाओं की आजादी और बराबरी का यह दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। इसकी घोषणा 1911 में जर्मन की कम्युनिस्ट नेत्री और अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी महिला आंदोलन की रहनुमा क्लारा जेट्किन के प्रयासों से हुई थी। मुल रूप से यह श्रमिक महिलाओं का दिवस है लेकिन दुनिया भर की तमाम सरकारों ने इसे महिलाओं के मनोरंजन का दिवस बना दिया है जबकि इसकी विरासत महिला अधिकारो के लिए लड़ाकू लड़ाई लड़ने की रही है।
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