पांच साल से स्कूल भवन के लिये तरसते बच्चे निजी भवन में बिना किराए के चल रहा स्कूल
- ahtv desk
- 28 दिस॰ 2019
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जिला मण्डी के तहसील निहरी के अंर्तगर्त पड़ने वाले पंचायत बाडू-रोहड़ा के गांव धार बड़ेच का प्राईमरी स्कूल मंजूर होने के पांच साल बाद भी अपनी बिल्डींग के लिए तरस रहा है। मौजूदा समय में यह स्कूल ग्राम निवासी धारी राम के घर में चल रहा है। धारी राम के अनुसार पांच साल पहले मंजूर हुए स्कूल को गांव में खुलवाने के लिए उन्होंने बिना किराये के एक साल के लिए अपने घर का आधा हिस्सा स्कूल चलाने के लिए दिया था जो कि पांच साल होने के बाद भी खाली नहीं हुआ। घर के बहार जानवरों को बांधने को मजबूर धारी राम ने सम्बंधित विभाग और सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि गांव के बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने घर के निचले हिस्से को एक साल के लिए दिया था लेकिन सरकार और विभाग कि अनदेखी की बजह से पांच साल बाद भी उनके जनवर खुले असमान में रहने को मजबूर है जिसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
गांव में स्कूल की शुरूआत 21 जून 2015 को हुई थी। स्कूल के निमार्ण के लिए ग्रामीण जीवा राम ने चार बिस्वा जमीन स्कूल को दान कर दिया था लेकिन पिछले पांच साल बीत जाने के बाद भी मात्र स्कूल का शौचालय और रसोईघर ही बना है। स्कूल के निर्माण की इस रफ्तार को देखते हुए उन्हें भारी निराशा हो रही है।
घर के आंगन में धूप में पढ़ रहे बच्चों को देखते हुए बुजुर्ग मकान कि मालकिन हिमी देवी ने बताया कि इस स्कूल में गांव के 25 बच्चें पढ़ते है जिन्में उनका कोई भी बच्चा नहीं है फिर भी गांव कि भलाई कि खातिर उन्होंने अपने घर का निचला भाग बिना किसी किराये के स्कूल चलाने के लिए दिया था, उन्हें आशा थी कि एक साल के अंदर स्कूल बन जायेगा लेकिन अब सरकार या विभाग स्कूल निर्माण में रूचि नहीं दिखा रही है जिस कारण उनका पशुपालन का काम प्रभावित हो रहा है, जिस पर किसी का ध्यान नहीं है।
करम सिहं के अनुसार पिछले पांच साल में सात-आठ बारी ग्राम पंचायत और स्कूल के अध्यापकों के मध्यम से बीईओ चुराग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है उसके बवजूद स्कूल की बिल्ड़ींग के निमार्ण पर ध्यान नहीं दिया गया। उनके अनुसार स्कूल कि बिल्डींग न होने के कारण जहां प्रथमिक स्तर की कक्षाओं के संचालन में समस्या आ रही है वहीं कई अविभावक अपने बच्चों को निजी स्कूल में भेजने लगे है यदि स्कूल कि बिल्डींग जल्दी नहीं बनी तो कई और अविभावक अपने बच्चों को मजबूरन निजी स्कूल में भेजने को मजबूर हो जायेगे।
डिप्टी डायरेक्टर मंडी अशोक शर्मा
गांव वालों के सहयोग से ही यह कार्य संपन्न होगा। अध्यापक कमरों का एस्टिमेट बना कर सीधा मुझसे मिले। मैं इसके लिए बजट उपल्बध करवा दूंगा और जल्द ही स्कूल भवन का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा।
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