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मां की कोई कीमत नहीं लग सकती – बल्ह घाटी हमारी मां है

  • लेखक की तस्वीर: ahtv desk
    ahtv desk
  • 12 दिस॰ 2019
  • 3 मिनट पठन

प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए जमीन देने से किसानों का इनकार मुख्यमंत्री पर गुमराह करने का लगाया आरोप

संघर्ष समिति ने एसडीएम बल्ह को सौंपा ज्ञापन – आम सभा के बाद निकाली रैली

हालांकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंडी में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि प्रस्तावित बल्ह हवाई अड्डे के निर्माण में तकनीकि दिक्कते आ रही हैं, वहां की जमीन भी उपजाऊ है, जिसका मुआवाजा देने बहुत मुश्किल है इस लिए इसका स्थान बदले पर विचार किया जा रहा है। लेकिन बल्ह के किसानों ने इस बयान को गुमराह करने वाला करार देते हुए प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए जमीन देने के लिए इनकार किया है। किसानों ने बल्ह घाटी को अपनी मां करार दिया है और कहा कि इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती।

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रस्तावित हवाई अड्डे की चपेट में आने वाले 11 गांव के किसानों ने कन्सा चौक में 11 दिसम्बर को आम सभा की और इसके बाद रैली की सकल में जाकर बल्ह के एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने किसानों को उनकी मांगों को ऊपर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

बल्ह बचाओ संघर्ष समीति के सचिव नंदलाल वर्मा ने प्रैस विज्ञप्ति जारी की है जिसके अनुसार प्रस्तावित हवाई अड्डे को लेकर पीछले एक साल से संघर्ष समिति लगातार संघर्षरत है और कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेज चुकी है, प्रधानमंत्री, उड्डयन मंत्रालय, अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को भी ज्ञापन भेजे गए हैं। परंतु अभी भी सरकार लगातार हवाई अड्डे के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। और अभी तक कोई ऐसा फैसला नहीं लिया गया है कि प्रस्तावित परियोजना बल्ह से बदल कर दूसरी जगह ले जाई जाएगी. किसानों ने मुख्यमंत्री के इस बयान का स्वागत किया है कि बल्ह की उपजाऊल भूमि की कीमत ज्यादा है, हवाई अड्डे की लिए दूसरी जगह तलाशी जाएगी। लेकिन इस बात पर रोष प्रकट किया कि मंत्रीमंडल में फैसला लिया गया है जिस में निर्देशक पर्यटन विभाग को निर्देशित किया गया है कि वह एयर पोर्ट अथारिटि के साथ एमओयू साईन करें। जिस के तहत बल्ह में ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट निर्माण का प्रस्ताव है।

बल्ह घाटी हमारी मां है इसकी कोई कमीत नहीं लगाई जा सकती – मस्तराम

टांवा गांव से आए किसान मस्तराम ने सभा को संबोधित करते हुए जमीन का मुआवजा मांगने वालों का जवाब देते हुए कहा कि बल्ह घाटी हमारी मां है, मां की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती। सरकार चाहे हमें 25 लाख दे या 20 लाख रुपये बिस्वा दे, लेकिन हम अपनी जमीन नहीं देंगे। सरकार इस हवाई अड्डे को कहीं ओर ले जाए या पहले मौजूद हवाई अड्डों का विस्तार करे।

अगर यहां से उजड़े तो कभी नहीं बस पाएंगे – चुन्नी लाल

ब्राह्मणवादी जातिवादी दंश को कई बार झेल चुके चुन्नी लाल ने कहा कि अगर यहां से उजड़ गए तो हम कभी भी कहीं नहीं बस पाएंगे, हमें कहीं जगह नहीं मिलेगी, हमारे साथ बहुत भेदभाव होता है, मैं इसका भुक्तभोगी हूं। इस से पहले कई परियोजनाओं में हिमाचल के लोग उजड़े हैं जो आज तक नहीं बस पाए। हमारा भी यही हाल होगा। बल्ह में एयरपोर्ट बनना ही नहीं चाहिए। हमें कोई मुआवजा मंजूर नहीं है।

हजारों लोगों को उजाड़ना ड्रीम प्रोजेक्ट कैसे हो सकता है – हलिम अंसारी

सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के हलिम अंसारी ने राज्य सरकार पर तंज कसा कि यह विकास नहीं यह विनाश है, लोहे की मेख ठोकने के लिए सोने के हथौड़े की जरूरत नहीं होती। हजारों लोगों को उजाड़ना कैसे किसी का ड्रीम प्रोजेक्ट हो सकत है। बल्ह से 15 हजार लोग इस परियोजना से उजड़ जाएंगे। हमारी मुख्यमंत्री से अपील है कि वह बल्ह की कृषि को और अधिक विकसित करने के लिए निवेश करे न कि लोगों को उजाड़ने के लिए।

8 जनवरी को अखिल भारतीय बंद में शामिल होगी संघर्ष समिति

हिमाचल किसान सभा बल्ह के अध्यक्ष परस राम ने किसानों के सामने प्रस्ताव रखा कि यदि 7 जनवरी से पहले-पहले मंत्रीमंडल का फैसला वापिस नहीं लिया जाता है तो 8 जनवरी को अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के आह्वान पर ग्रामीण भारत बंद में हिस्सा लेंगे और मंडी में होने वाली रैली में भाग लिया जाएगा। इस प्रस्ताव का सभी किसानों ने जोरदार समर्थन किया। बैठक को बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति के सचिव नंदलाल वर्मा, पूर्व प्रधान डढौर पंचायत प्रेम सिंह सैणी, पूर्व प्रधान कनेड पंचायत भुवनेश्वर लाल, चुन्नी लाल, भवानी सिंह, हरिराम, राजेश शर्मा, हलिम अंसारी, गुलाम रसूल, प्रेमदास चौधरी, दिलाराम, बल्ह किसान सभा अध्यक्ष परसराम, समिति के अध्यक्ष जोगेंद्र वालिया ने संबोधित किया।

102 वर्षिय किसान डाहलू राम ने विशेष रूप से ग्रामीणों को संबोधित करते हुए हवाई अड्डा बनने का मुखर विरोध किया और राज्य सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की।

नंदलाल वर्मा ने मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि अगर हवाई अड्डा दूसरी जगह बदली किया जा रहा है तो इसकी आधिकारीक रूप से सूचना जारी की जाए। जब तक ऐसा नहीं हो जाता हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

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