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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर फड़णवीस की वापसी, अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री

  • लेखक की तस्वीर: ahtv desk
    ahtv desk
  • 23 नव॰ 2019
  • 3 मिनट पठन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर फड़णवीस की वापसी, अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री - फोटो भाषा

भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस और राकांपा नेता अजित पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

यह शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी।

हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का फैसला उनके भतीजे का निजी फैसला है न कि पार्टी का।

शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला लेकर अजित पवार पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि शरद पवार और उद्धव ठाकरे मुंबई में जल्द ही संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

फड़णवीस की मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी के साथ ही राज्य में महीने भर से चल रहा राजनीतिक गतिरोध खत्म हो गया। राज्य में 12 नवंबर को लगाए राष्ट्रपति शासन को शनिवार तड़के हटा दिया गया।

इस घटनाक्रम ने न केवल राजनीतिक गलियारे में सरगर्मियां बढ़ा दी है बल्कि यह राज्य के लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस राज्य में सरकार गठन को लेकर बातचीत कर रहे थे।

शरद पवार ने शुक्रवार शाम को ही कहा था कि नयी सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे। इस घोषणा ने उन अटकलों को खत्म करने का संकेत दिया था कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा।

तीनों पार्टियों ने नयी सरकार के गठन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा भी तैयार कर लिया था।

बहरहाल, जब शनिवार तड़के शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो उसके बाद शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’

पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा, ‘‘अजीत पवार ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है। सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाना विश्वासघात है।’’

गठबंधन में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा और शिवसेना ने 288 सदस्यीय सदन में क्रमश: 105 और 56 सीटें जीती थीं लेकिन शिवसेना ने भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद साझा करने से इनकार करने के बाद उसके साथ अपने तीन दशक पुराने संबंध खत्म कर लिए।

दूसरी ओर, चुनाव पूर्व गठबंधन करने वाली कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती।


राजनीतिक पैंतरा मारते हुए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का। शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है। यह राकांपा का फैसला नहीं है। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते।’’


शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि राकांपा नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला कर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है।

राउत ने यहां पत्रकारों से यह भी कहा कि राज्य अजित पवार को उनके इस कृत्य के लिए कभी माफ नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अजित पवार ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपा है। सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाना विश्वासघात है।’’

राउत ने कहा, ‘‘अजित पवार के फैसले में राकांपा प्रमुख शरद पवार की मंजूरी नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जल्द ही एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे


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