जान जोखिम में डाल कर बच्चे झूले से नदी पार कर पढ़ने जाते हैं बच्चेकभी भी हो सकती ही बड़ी दुर्घटना
- ahtv desk
- 12 फ़र॰ 2020
- 2 मिनट पठन

परलोग पंचायत तहसिल करसोग के 35 बच्चों को हर रोज दिन में दो बार अपनी जान का जोखिम उठाना पड़ रहा है। देश का भविष्य कहलाए जाने वाले बच्चे कुछ बनने के लिए हर रोज अपने गांव से शिमला जिला के अंतर्गत आने वाले पंदोआ गांव में पढ़ने के लिए जाते हैं। स्कूल जाने के लिए उनको नदी पार करनी पड़ती है। नदी पर सरकार से मांग करने के बावजूद वर्षों से पुल नहीं बनाया गया है। परलोग वासियों को नदि पार करने के लिए एक झूले का इस्तेमाल करना पड़ता है जो कि बहुत पुराना है। बच्चे भी इसी झूले से हर रोज नदी पार करते हैं। हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बच्चों के मां-बाप हर रोज इसी चिंता में रहते हैं कि हमारे बच्चो स्कूल से सुरक्षित लौट पाएंगे या नहीं। हर समय मां-बाप के दिमाग में दुर्घटना की आशंका घर करे रहती है। ग्रामिण इस मामले पर कई बार सोशल मिडिया पर विडियो वायरल कर मुद्दा उठा चुके हैं।
मुख्य मंत्री वीरभद्र ने की थी दो करोड़ की घोषणा
नदि पर पुल बनाने के लिए तत्कालिन मुख्यमंत्री और शिमला ग्रामीण के विधयाक रहे वीरभद्र ने दो करोड़ रुपये की घोषणा की थी लेकिन पुल का निर्माण नहीं हो पाया। ग्रामीणों को शक ही कि हमारे गांव का पुल राजनीतिक की भेट चढ़ गया है। सरकार बदलने के बाद इस पुल की घोषणा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बच्चे तो बच्चे हैं इन पर राजनीति शोभा नहीं देती।
बच्चें के अलावा पंचायत के सैकड़ों लोग भी इस एक मात्र झुले पर निर्भर है। कैसे न कैसे खुद तो पार कर लेते हैं लेकिन जब बात बच्चों की आती है तो ग्रामीण डर से सहम जाते हैं। जब घर की जरुरतों के लिए अधिक सामान लाना पड़ता है तो वह भी इस झूले के सहारे पार नहीं हो पाता। कई किलोमीटर का चक्कर काट अधिक पैसे खर्च कर गाड़ी करनी पड़ती है।
गांव के प्रधान तिलक भाई ने बताया कि - बेलू ढांग से पंदाओ सतलूज नदी पर जो झूला है उसको जान जोखिम में डाल कर बच्चों को पार करना पड़ता है। इसके लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र जी ने 9 जून 2015 को 2 करोड़ की घोषणा की थी। हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस पर कर्रवाई की जाए ताकि बच्चों की जान बचाई जा सके।
गांव के नौजवान रविकांत ने सरकार से विनम्र प्रार्थना करते हुए कहा कि – इस गांव के छोटे-छोटे मासूम बच्चे ही नहीं गांव के बीमार, बुजर्गों, गर्भवति महिलाओं को भी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि वह जितना जल्दी हो सके यहां पर झूले को हटा कर पुल का निर्माण करे।
सुन्नी पीडब्लूडी एसडीओ जितेंद्र दत ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि हम जल्द ही इसके इसंपेक्शन के आदेश देंगे और मुरम्मत की जरूरत हुई तो जल्द ही मुरम्मत करवा दी जाएगी।
Kommentare