मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल रही पूरी मजदूरी
- ahtv desk
- 28 नव॰ 2019
- 2 मिनट पठन
न्यायालय की शरण ले सकते हैं मजदूर

सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत ब्रयोगी के गाँव घरटेहड में मनरेगा मजदूरों ने 1 अगस्त 2019 से 15 अगस्त 2019 तक काम किया था जिसमें दिहाडी 115 रू दी गई है। ज्ञात रहे कि हिमाचल प्रदेश में मनरेगा की दैनिक मजदूरी 185 रुपये है। कम मिली दिहाड़ी के खिलाफ मजदूरों ने माननीय बी डी ओ सराज के पास 4 सितंबर 2019 को लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में मांग की गई थी कि सरकारी रेट के अनुसार पूरी दिहाड़ी दी जाए और पुनः असेसमेंट की जाए। लेकिन विभाग ने इस पर अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की।
कार्यवाही न होता देख मजदूरों ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत कानूनी कार्रवाई की और संबंधीत दस्तावेज मांगे। इस पर अमल करते हुए कल सहायक अभियन्ता खंड सराज व कनिष्ठ अभियंता खंड सराज मौके पर आए। मजदूरों के समक्ष पुनः पैमाइश की ।
मजदूरों ने आशंका जताई है कि पूरी दिहाडी मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई कोई जानकारी विभाग ने अभी तक नहीं दी है। जो शिकायत दर्ज करवाई थी उसके भय से ही अधिकारी पहुंचे हैं। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर दिहाडी पूरी नहीं मिली तो न्यायालय की शरण ली जाएगी जिसमें पूरी पंचायत में जहां भी कम दिहाड़ी दी गई है सबको जोड़ करके संयुक्त रुप से केस किया जाएगा।
भगत सिंह युथ ब्रिगेड के टीएस आजाद न फेसबुक पोस्ट में कहा है कि मनरेगा मजदूरों के साथ हो रहे शोषण के खिलाफ राज्य स्तर पर उठाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है क्योंकि मनरेगा मजदूरो को राज्य सरकार के दुसरे विभागों के बराबर मजदूरी का भुगतान और छे दिन काम करने के बाद सातवें दिन विश्राम की आवश्यकता है जहां तक असैसमैट का सवाल है पूरी तरह से मनरेगा मजदूरों के ऊपर थोपा गया तालिबानी फरमान है । इन सब मुद्दों के लिए सरकार के खिलाफ हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है क्योंकि एक समान मजदूरों को एक बराबर मजदूरी का भारतीय श्रम कानून में प्रावधान है।
उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार पिछले दस सालों के लग भग समय से मनरेगा मजदूरों का दोहरा शोषण कर रहा है । हमें एक समान मजदूरी आखिर क्यों नहीं मिल रही है इस के पिछे जो तर्क राज्य सरकार दे रही है वह न्याय संगत नहीं मानी जा सकती है इस का विरोध करना चाहिए जब विधायक सांसद दोहरा पैशन ले रहे हैं फिर मनरेगा मजदूरों को दूसरे विभागों के बराबर मजदूरी का अधिकार क्यों नहीं है।
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