स्ततंत्रता सेनानियों की याद में बने स्मारक के खस्ताहालात
- GDP Singh
- 26 जन॰ 2020
- 2 मिनट पठन
गणतंत्र दिवस पर भी प्रशासन व नगर पंचायत करसोग ने नहीं ली सूध

वैसे तो भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था लेकिन सुकेत रियासत को आजादी 15 अप्रैल 1948 को मिली थी। क्योंकि रियासत का सामंती राजा लक्षणम सेन अपनी रियासत को भारत में मिलाने के पक्ष में नहीं था। इस के खिलाफ यशवंत राव परमार के नेतृत्व में रियासती प्रजामंडल ने विद्रोह किया था। इस विद्रोह में तत्तापानी, करसोग, फिरनू, च्वासीगढ़, पांगना, चरखड़ी, निहरी, सुंदरनगर व मंडी के अनेकों लोगों ने भाग लिया था। सुकेत सत्यग्रह नाम से जाना जाने वाला यह आंदोलन 2 फरवरी 1948 को तत्तापानी चौकी पर कब्जा करने से शुरू हुआ था और अंत में प्रजा मंडल के कार्यकर्ताओं ने सुदंरनगर राजा के महल को कब्जे में ले लिया था।
इस में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की याद में करसोग में एक स्मारक और पार्क का निर्माण प्रशासन द्वारा किया गया था। लेकिन 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी न तो प्रशासन न ही, न नगर पंचायत ने इस स्मारक और पार्क की सूध ली। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि गणतंत्र दिवस समारोह इस स्मारक से मात्र 50 मीटर की दूरी पर हो रहा फिर भी किसी की नजर इस स्मारक की खसताहालत पर नहीं गई। स्वतंत्रता सेनानी जो कि स्वर्गवासी हो चुके हैं उन्होंने सपनों में भी नहीं सोचा होगा कि हमने जो कुर्बानियां कर आजाद भारत बनाया उस आजाद भारत में हमारी यादों के साथ ऐसा खिलवाड़ होगा।
पार्क में लगाई गई कुर्सियों में से एक भी कुर्सी ऐसी नहीं बची है जो कि टूटी नहीं हो। जगह-जगह पर गंदी पड़ी हुई है। स्मारक में लगी नाम पटिका की साईडें भी उखड़ चुकी है। स्मारक देखने से कहीं से भी ऐसा नहीं लग रहा कि यह स्वतंत्रता सैनिकों की याद में बनया गया होगा।
पार्क में मौजूद राजकीय महाविद्यालय की छात्रा अंजली ने बताया कि सुकेत रियासत में हुए सुकेत सत्यग्रह के सेनानियों की याद में यह स्मारक बनाया गया था लेकिन यहां बहुत गंदगी है और सारी कुर्सियां टूटी हुई है। प्रशासन में हमारी मांग है कि इसकी हालात को सुधारा जाए ताकि हम अपने पुरखों की याद को संजोए रख सकें।
वहीं पार्क में मौजूद एनसीसी के कैडेट योगेश ने बताया कि जगह-जगह से कुर्सियां टूटी पड़ी है। किसी का इस पर ध्यान नहीं है। हम तो अभी तक इसको कैंटिन का पार्क समझते थे। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और इसकी खस्ताहालत को ठीक करना चाहिए।
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