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कोलडैम से बनी झील की तुलना गोवा से कर गए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर

  • लेखक की तस्वीर: ahtv desk
    ahtv desk
  • 14 जन॰ 2020
  • 2 मिनट पठन



तत्तापानी मकर सक्रांति के मेले पर गिनज बुक ऑफ वर्ल्ड़ में दर्ज हुई तत्तापानी की ऐतिहासिक खिचड़ी के प्रमाण-पत्र को लोगों को दिखाते हुए मंच से मुख्य मंत्री हिमाचल प्रदेश जय राम ठाकुर ने कोल डैम से बनी झील की तुलाना गोवा और केरल से समुद्र तटों की है। उन्होंने गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड लंदन के प्रतिनिधि ऋषिनाथ से प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद कहा कि पहले हमें इस तरह की झील, पानी देखने के लिए गोवा या केरल आदि के समुद्र तटों पर जाना पड़ता था लेकिन अब हिमाचल में ही पर्यटक इसका लुत्फ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक स्थल था अब यह पर्यटन स्थल के रूप में भी उभर रहा है यहां पर आने वाले समय में पर्यटक वाटर स्पोर्टस का आनंद ले सकेंगे।

हालांकि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी ने जिन कोल डैम के विस्थापितों के कारण यह झील बन पाई जिसको अब मुख्यमंत्री गोवा और केरल से तुलना कर रहे हैं उन विस्थापित परिवारों के बारे में मुख्यमंत्री जी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कोई घोषणा नहीं की है।

तत्तापानी में 2020 में आयोजित मकर सक्रांति का मेला इस बार ऐतिहासिक बन गया है। यह न केवल मंडी जिला बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। क्योंकि इस बार पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली खिचड़ी गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है। तत्तापानी में मकर सक्रांति पर एक ही बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी बनानई गई। इससे पहले एक ही बर्तन में 918.8 किलो खिचड़ी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड था। जो भारत के नाम ही दर्ज था। खिचड़ी का वजन गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ऋषि नाथ के सामने किया गया। इसकी आधिकारिक घोषणा अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने की जाएगी। तत्तापानी में 25 शैफो ने 5 घन्टे में बनाकर खिचड़ी तैयार की। इस खिचड़ी बनाने में 405 किलो चावल, 190 किलो दाल, 90 किलो घी, 55 किलो मसाले व 1100 लीटर पानी का प्रयोग किया गया। खिचड़ी बनाने के लिए बर्तन विशेष रूप से बर्तन बनाने के लिए दुनिया भर में मशहूर हरियाणा के शहर जगाधरी से बनवाया गया था। खिचड़ी बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले शैफ़ एन एल शर्मा ने कहा कि पर्यटन विभाग हिमाचल प्रदेश की और से तत्तापानी में खिचड़ी बनाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस बार पूरे प्रदेश के लिए तत्तापानी की खिचड़ी मुख्य आकर्षण थी। खिचड़ी का वजन गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ऋषि नाथ के सामने दर्ज किया गया।

इस अवसर पर बनाई गई खिचड़ी की सामग्री का सारा खर्च दुर्गा देवी बिहारी लाल विरोचन लाल (डीडीबीएल) चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया था जबकि इसके बर्तन, उठाने के लिए करेन, ईंधन आदि का खर्च पर्यटन विभाग द्वारा उठाया गया है। चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारी रमेश सूद ने बताया कि इस पर एक लाख रुपये की सामग्री खर्च हुई है, यह सारा खर्च उनके ट्रस्ट के द्वारा आयोजित किया गया है। हम यहां पर पीछले 98 सालों से इसकी सेवा करते आ रहे हैं।

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